Thu. Jul 25th, 2024

26 Nov को संविधान दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता हैं ?

संविधान दिवस क्यों मनाया जाता हैं |

भारत में संविधान दिवस 26 NOV को मनाया जाता है। क्योंकि राष्ट्रीय कानून दिवस भी इसी दिन है। 26 NOV का दिन हर भारतीय नागरिक के लिए बेहद खास है और गौरव महसूस करने वाला दिन है। इसी दिन वो किताब तैयार हुई थी जिसने हम भारतीयों को आजादी व समानता के साथ जीने और रहने का अधिकार दिया हुआ है। इसी दिन 1949 को देश की संविधान ने वर्तमान संविधान को विधिवत रूप से से अपनाया है। 26 Nov को संविधान बनकर तैयार हुआ और देश को समर्पित किया गया। इसी संविधान के चलते हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की एहसास कराता है। संविधान में दिए मौलिक अधिकार हम भारतीयों हमें हमारा हक दिलाते हैं, इसी में दिए मौलिक कर्तव्य में हमें हमारा देश के परति कर्तव्य और जिम्मेदारियां भी याद दिलाती हैं।

आजाद भारत के इतिहास का बड़ा ऐतिहासिक दिन 26 नवंबर 1949 है। क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ और इसे अपनाया गया और तभी से इस दिन की याद में हर साल 26 NOV को संविधान दिवस के रुप में मनाया जाता है। संविधान दिवस मनाने का मूल आधार संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावनाए को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।

कब और क्यों लिया गया संविधान दिवस मनाने का फैसला

वर्ष 2015 में इस दिन की नीव रखी गई। इस साल संविधान के जनक और निर्माता डॉ. बीआर आंबेडकर की 125वीं जयंती था। 2015 को 26 नवंबर को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इस दिवस को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के फैसले को अधिसूचित किया।

26 जनवरी और 26 नवंबर में अंतर

26 NOV 1949 को हमारा संविधान बनकर तैयार हुआ और उसे संविधान सभा द्वारा अपनाया गया। दो माह बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान देश में लागू किया गया। 26 नवंबर के दिन संविधान दिवस व कानून दिवस के रुप में मनाया जाता है और 26 जनवरी के दिन को हम गणतंत्र दिवस के रुप में मानते है ।
क्यों खास है भारत का संविधान

विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान भारतीय संविधान है। भारतीय संविधान कोई देशों के संविधान से लिया गया है जैसे यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिया गया हैं।जिसमे देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों,का वर्णन, भारत सरकार की भूमिका का वर्णन तथा देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और राज्यों की मुख्यमंत्री की शक्तियों का वर्णन किया गया है।

विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का क्या काम है, देश को चलाने में उनकी क्या भूमिका है, सभी बातों का जिक्र संविधान में किया गया है ।

कितने दिन में हुआ तैयार

संविधान को पूरा तैयार करने में  2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन का लगा समय था।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *