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Oxidation & Reduction : ऑक्सीकरण एवं अवकरण 2024

Oxidation & Reduction : ऑक्सीकरण एवं अवकरण ऑक्सीकरण वह रासायनिक प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप किसी तख पा चौगिक में विद्युत ऋणात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात बढ़ जाता है अथवा किसी पौगिक में विद्युत धात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात कम हो जाता है। अवकरण वह रासायनिक प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप किसी तत्य या यौगिक में विद्युत् धनात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात बढ़ जाता है अधया किसी यौगिक में विद्युत् ऋणात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात कम हो जाता है। अधिक जानकारी के लिए दिए गए लिंक पर   click करे।   https://en.wikipedia.org/wiki/Oxidation_state

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Oxidation & Reduction : ऑक्सीकरण एवं अवकरण 2024

Oxidation & Reduction : ऑक्सीकरण एवं अवकरण

ऑक्सीकरण (Oxidation):

ऑक्सीकरण वह रासायनिक प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप किसी तख पा चौगिक में विद्युत ऋणात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात बढ़ जाता है अथवा किसी पौगिक में विद्युत धात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात कम हो जाता है।

उदाहरण: 

  • 2Mg + O2 → 2MgO
  • C + O2 → CO2
  • 2H2 + O2 → 2H2O
  • Cu + Cl2 → CuCl2,
  • H2 + I2 → 2HI

अवकरण (Reduction):

अवकरण वह रासायनिक प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप किसी तत्य या यौगिक में विद्युत् धनात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात बढ़ जाता है अधया किसी यौगिक में विद्युत् ऋणात्मक परमाणुओं या मूलकों का अनुपात कम हो जाता है।

उदाहरण : 

  • Cl2 + H2S → 2HCl + S
  • 2FeCl3 + 2 FeCl2 + 2HCl

Oxidation & Reduction : ऑक्सीकरण एवं अवकरण 2024

आयनिक  सिद्धांत के आधार पर ऑक्सीकरण एवं अवकरण की परिभाषा

ऑक्सीकरण  (Oxidation):

               ऑक्सीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप किसी आयन  पर धन आवेश बढ़ जाता है या ऋण आवेश  कम हो जाता है।

उदाहरण:

फेरस  कलोराइड (FeC12) से फेरिक क्लोराइड (FeC13) के बनने में फर्स आयन  (Fe++) बदलकर फेरिक आयन  (Fe+++) हो जाता है। अर्थात लोहे के आयन  पर धन आवेश बढ़ जाता है।

  • FeC12 → FeC13
  • Fe+CI  →      ?
  • Fe++ + CI– + CI– → Fe+++ + Cl– + Cl– + CI–

अवकरण (Rediction):

         अवकरण वह रासायनिक प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप किसी आयन पर धन आवेश घट जाता है, या ऋण आदेश बढ़ जाता है।

उदाहरण: SnC14 से SnCl2 के बनने में टीन आयन पर धन आवेश +4 से घटकर 2 हो जाता है।

  • SnCl4→ SnC12
  • Sn+++ + 4Cl‑ → Sn++ + 2Cl–

Oxidation & Reduction : ऑक्सीकरण एवं अवकरण 2024

Oxidation & Reduction : ऑक्सीकरण एवं अवकरण

इलेक्ट्रॉनिक सिद्धांत के आधार पर ऑक्सीकरण एवं अवकरण की परिभाषा:

ऑक्सीकरण  (Oxidation):

         ऑक्सीकरण वह रासायनिक प्रक्रिया है, जिसमें कोई परमाणु या आयन  एक या अधिक इलेक्ट्रानों का त्याग कर उच्च विधुत  धनात्मक अवस्था या निम्न विद्युत् ऋणात्मक अवस्था में परिवर्तित होता है।

अवाकरण (Reduction):

      अवकरण वह रासायनिक प्रक्रिया है, जिसमें कोई परमाणु या आयन  इलेक्ट्रान ग्रहण करके निम्न विधुत धनात्मक  अवस्था या उच्च विधुत ऋणात्मक  अवस्था में परिवर्तित होता है।

उदाहारणः     सोडियम धातु एवं क्लोरिन गैस के बीच अभिक्रिया के फलस्वरूप सोडियम क्लोराइड बनता है।

        2Na+C12  →  2NaCl

ऑक्सीकारक एवं अवकारक पदार्थ (Oxidising and Reducing Agent):

जिस पदार्थ का ओक्सीकरण होता है, वह अवकारक  (Reducing Agent) कहलाता है, तथा जिस पदार्थ का अवकरण होता है, यह ऑक्सीकारक (Oxidising  Agent) कहलाता है। ऑक्सीकारक वे पदार्थ होते है, जो इलेक्ट्रान ग्रहण करते हैं तथा अवकारक  वे पदार्थ होते है, जो इलेक्ट्रान त्याग करते है। कुछ मुख्य  ऑक्सीकारक पदार्थ निम्नलिखित है

ऑक्सीजन (O2), ओजोन (O3), हाइड्रोजन परऑक्साइड (H2O2), नाइट्रिक अम्ल (HNO3), क्लोरीन (Cl2), पोटैशियम परमैंगनेट (KMnO4), पोटैशियम डाइक्रोमेट (K2Cr2O7), लेड ऑक्साइड (PbO2) आदि।

कुछ  मुख्य  अवकारक पदार्थ के उदाहरण है

हाइड्रोजन (H2), हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S), कार्बन मोनोक्साइड (CO), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), कार्बन (C), हाइड्रायोडिक अम्ल (HI), स्टैनस क्लोराइड (SnCl2) आदि।

ऑक्सीकारक एवं अवकारक दोनों की तरह व्यवहार करने वाले पदार्थ:

हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S), हाइड्रोजन परऑक्साइड (H2O2), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), नाइट्रस अम्ल (HNO2) आदि।

Oxidation & Reduction : ऑक्सीकरण एवं अवकरण:

ऑक्सीकरण संख्याः

किसी तत्व  की ऑक्सीकरण  संख्या  वह  संख्या है, जो किसी अणु आपन में उस परमाणु पर आवेशों  की संख्या को बताती है, यदि उस  अणु का आयन से शेष सभी परमाणुओं को संभावित आयनो के रूप में अलग कर दिया जाए।

उदाहरणार्थ-

KMnO4 के अणु से पोटेशियम को K+ के रूप में और चार ऑक्सीजन को O^  के रूप में अलग कर दिया जाए, तो Mn पर +7 आवेश बचेगा। यही Mn   की ऑक्सीकरण संख्या है। ऑक्सीकरण संख्या का मान धनात्मक या ऋणात्मक हो सकता है।

ऑक्सीकरण संख्या के आधार पर ऑक्सीकरण एवं अवकरण की व्याख्या:

ऑक्सीकरण वह रासायनिक प्रक्रिया है, जिसके फलस्वरूप किसी परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या  का मान बढ़ जाता है, तथा अपकरण वह रासायनिक प्रक्रिया है, जिससे फलस्वरूप किसी परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या घाट  जाती है।

यहाँ  लोहे की ऑक्सीकरण संख्या शून्य से बढ़कर 2 हो रही है, जबकि हाइड्रोजन की ऑक्सीकरण संख्या 1 से घटकर शून्य हो रही है। अतः इस प्रतिक्रिया में लोहे का ऑक्सीकरण तथा हाइड्रोजन का अवकरण हुआ है।

ऑक्सीकारक वह पदार्थ है, जो  किसी दुसरे पदार्थ की ऑक्सीकरण संख्या को बढ़ा देता है। जबकि अवकारक  वह पदार्थ है, जो किसी दुसरे पदार्थ की ऑक्सीकरण संख्या को घटा  देता है। जिस पदार्थ की ऑक्सीकरण संख्या बढ़ती है, वह ऑक्सीकृत होता है अर्थात वह अवकारक  (Reducing Agent) है ।

जिस  पदार्थ की ऑक्सीकरण संख्या घटती है यह अवकृत होता है, अर्थात यह ऑक्सीकारक  (Oxidisig Agent)” है ।

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