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Ncert chemistry notes पदार्थो की अवस्थाएं पार्ट-1
द्रव्य वह सामग्री है , जिसमे भारho , जो स्थान ग्रहण करे , जो दबाव दाल सके एवं अवरोध उत्पन्न कर सके , जिसमे जड़ता का गन हो , जिसकी अवस्था में ऊर्जा द्वारा परिवर्तन लाया जा सके , जो विभाजित किया जा सके तथा जिसके असितत्व का हम अपनी गायनेंद्रियो द्वारा अनुभव कर सके ।
- पदार्थ (substance) : द्रव्य के विभिन प्रकार को पदार्थ कहते है । अतः पदार्थ एक विशेष प्रकार का द्रव्य है , जो निश्चित गुण एवं संघटन वाला होता है । जैसे – कागज , लकड़ी चुना , जल , दूध , वायु , ऑक्सीज़न , मिट्टी आदि ।
- वस्तु (objects) : एक पदार्थ या अनेक पदार्थो के मिश्रण से बनने वली विशेष गुण वाली सामग्री को वस्तु (object) कहते है , जैसे – पुस्तक , पेंसिल चाकू , वायुयान , थाली , गिलास अंगूठी आदि ।
NOTE : संसार की सभी वस्तुए द्रव्यों अर्थार्त पदार्थ से बानी है ।
आधुनिक विज्ञान में पदार्थ को दो मुख्य से विभाजित कियां गया है –
- भौतिक अवस्था के आधार पर , उद्धरण , द्रव्य , गैस , ठोस ,
- रासायनिक संघटन केर आधार पर , उद्धरण – तत्व , योगिक एवं मिश्रण ।
पदार्थो की भौतिक अवस्थाएं ( Physical States of Substances)
भौतिक अवस्था के आधार पर पदार्थ को तीन वर्गो में बटा गया है । ये तीन वर्ग है – ठोस (solid) , द्रव (liqued ) . तथा गैस (gas ) . आगरा दूसरे शब्दों में कहा जाये तो पदार्थ इन्ही तीन अवस्थाओं में पाए जाते है । किसी पदार्थ की अवस्था ( ठोस , द्रव, या गैस ) उसके अन्तरनिवाक बल पर निर्भर करती है ।
- ठोस (solid) :
ठोस पदार्थ की वह अवस्था है , जिसमे उसके आकर एवं आयतन निश्चित होते है , जैसे – कुर्सी , मेज , पत्थर , कलम ताम्बा आदि । जब पदार्थ के अणुओ में परस्पर आक्रषण बल पृथक्कारी बल से सबल होता है , तो ठोस अवस्था में रहता है । इस प्रकार ठोस पदार्थो के अणु घने रूप में सनुलित ( एक दूसरे के बिलकुल समीप ) होते है तथा उनकी स्थिति निश्चित होती है , इन्ही स्थितियों के ईद – गिर्द ये सिर्फ अपने अन्तरनिविक अंतराल कम्पन करते है , जब तक उन पर बहार से कोई बल नहीं लगाया जाता है । इसी कारन से ठोस पदार्थ के आकर और आयतन निश्चित होते है । ठोसों के कण आपस में अत्यधिक निकट होते है , इसी कारन इनमे उच्च क्रम में व्यवस्था को ‘ क्रिस्टल जलक कहते है , जिसके फलस्वरूप क्रिस्टलो की एक नियमित ज्यामितीय आकृति होती है ।
- द्रव (liquid) :
द्रव पदार्थ की वह अवस्था है , जिसमे उसका आयतन निश्चित होता है , परन्तु आकर अनिश्चित होता है , जैसे – दूध , पानी , तेल , आदि । द्रव पदार्थ की सभी स्थितियों में ऊपरी सतह हमेशा समतल होती है । द्रव पदार्थ को बहने वाले (fluid) भी कहते है । जब पदार्थ में आकर्षण बल पृथक्कारी बल से कुछ ही सबल होता है , तो पदार्थो द्रव अवस्था में रहता है । इसी तरह द्रव पदार्थ के अणुओ में परस्पर आकर्षण बल ठोस पदार्थो की अपेक्षा कमजोर होती है । बल ठोस अवस्था की अपेक्षा कमजोर होता है । इसी कारण द्रव पदार्थ में अणु कम घन रूप में संकुचित होते है तथा ये गति करने के लिए स्वतंत्र हो जाते है । परन्तु , ये अणु पदार्थ के अंदर ही इधर – उधर गति कर सकते है । द्रव पदार्थ के अणु ठोस पदार्थ की अपेक्षा दूर – दूर रहते है । फिर भी , इनके बीच की दुरी बहुत अधिक नहीं होती है । अतः द्रव पदार्थ अपना आकर आसानी से बदल सकते है , परन्तु उनका आयतन नहीं बदलता है । किसी कारण द्रव्य पदार्थ का आयतन निश्चित परन्तु आकर अनिश्चित होता है , द्रव पदार्थ का धनत्व गैस से अधिक किन्तु ठोस से कम होता है ।
- गैस (Gas) : *-
गैस पदार्थ की वह अवस्था है , जिसमे उसके आकर और आयतन दोनों अनिश्चित होते है । जैसे – वायु ऑक्सीज़न , नाइट्रोजन , आदि । गैस अवस्था में पदार्थ का न तो कोई आकर होता है और न ही कोई आयतन , गैसीय पदार्थ को जिस पात्र में रख दिया जाता है , वह उसी पात्र का आकर एवं आयतन ग्रहण कर लेता है । गैस का कोई पृष्ठ – ताल नहीं होता है , गैस भी द्रव की भाटी एक बर्तन से दूसरे बर्तन में ढली जा सकती है । इसी कारण गैस को भी द्रव जैसा , बहने वाला द्रव (fuild ) कहते है जब पदार्थ को अणुओ में परस्पर आकर्षण बल , पृथक्कारी बल की अपेक्षा काफी कमजोर होता है , तो पदार्थ गैस अवस्था में रहता है । इसी कारण गैसीय पदार्थ के अणुओ में परस्पर आकर्षण बल ठोस एवं द्रव पदार्थ दोनों की अपेक्षा कमजोर होती हिअ इसी कारण गैसीय पदार्थ का न तो कोई निश्चित आकर होता है और न ही निश्चित आयतन ।