पाठ 7 . जीवों में विविधता
अध्याय – समीक्षा :
- एक यूकैरियोटिक कोशिका में केन्द्रक समेत कुछ झिल्ली से घिरे कोशिकांग होते है जिसके कारण कोशिकीय क्रिया अलग – अलग कोशिकाओं में दक्षतापूर्वक होती रहती है |
- जिनकी कोशिकाओं में झिल्लीयुक्त कोशिकांग और केन्द्रक नहीं होते है , उनकी जैव रासायनिक प्रक्रियाएँ भिन्न होती है |
- केंद्रयुक्त कोशिकाओं में बहुकोशिक जीव की निर्माता की क्षमता होती है , क्योंकि वे किसी खास कार्यों के लिए विशिष्टीकृत हो सकते है
- कोशिकीय संरचना और कार्य वर्गीकरण का आधारभूत लक्षण है |
- जो कोशिकाएँ एक साथ समूह बनाकर किसी जीव का निर्माण करती है , उनमें श्रम – विभाजन पाया जाता है |
- जो जीव प्रकाश – संश्लेषण करते हैं , उन्हें पौधें कहते हैं |
- पौधों का शरीर भोजन बनाने की क्षमता के अनुसार विकसित होता है , जबकि जंतुओं का शरीर बाहर से भोजन ग्रहण करने के लिए विकसित होता है |
- कुछ जीव समूहों की शारीरक संरचना में पर्याप्त परिवर्तन दिखाई पड़ते है | उन्हें उच्च जीव कहते है |
- विकास के दौरान जीवों में जटिलता की संभावना बनी रहती है , इसलिए पुराने जीवों को साधारण और नए जीवों को अपेक्षाकृत जटिल भी कहा जा सकता है |
- व्हिटेकर द्वारा प्रस्तावित वर्गीकरण में पांच जगत है – मोनेरा , प्रॉटिस्टा , फंजाई , प्लांटी और एनिमेलिया |
- वर्गीकरण की आधारभूत इकाई जाती ( स्पीशीज ) है |
- शरीर की बनावट के दौरान जो लक्षण पहले दिखाई पड़ते है , उन्हें मूल लक्षण कहते है |
अभ्यास – प्रश्न
Q1 . उन जीवों के नाम बताये जो वर्गीकरण से बाहर रखा गया है |
उत्तर – वायरस और प्रीओन (Prion)
Q2 . आदिम जीव किन्हें कहते हैं ?
उत्तर – कुछ जीव समूहों की शारीरिक संरचना में प्राचीन काल से लेकर आज तक कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ है | ऐसे जीवों को आदिम जीव कहते हैं |
Q3 . उन्नत जीवव किन्हें कहते है ?
उत्तर – कुछ जीव समूहों की शारीरिक संरचना में पर्याप्त परिवर्तन दिखाई पड़ते हैं | ऐसे जीवों को उन्नत जीव कहते हैं |
Q4 . पौधें किसे कहते हैं ?
उत्तर – जो प्रकाश संश्लेषण की क्रिया संपन्न करते है , वे पौधें कहलाते हैं |
Q5 . उस जीव जगत का नाम लिखिए जिनमें गमन के लिए सिलिया , फ्लेंजेला नमक संरचना पाई जाती है |
उत्तर – प्रॉटिस्टा जगत |
Q6 . व्हिटेकर के द्वारा प्रस्तुत जीवों के पांच जगत कोण से हैं ?
उत्तर – जीवों के पांच जगत निम्नलिखित हैं –
(i) मोनेरा
(ii) प्रॉटिस्टा
(iii) फंजाई
(iv) प्लाण्टी
(v) एनिमेलिया
Q7 . उस जीव को क्या कहते हैं जो अपने भोजन के लिए सड़े गले कार्बोनिक पदार्थों पर निर्भर रहते हैं ?
उत्तर – मृतजीवी |
Q8 . सहजीविता किसे कहते है ?
उत्तर – कवकों की कुछ प्रजातियाँ नील हरित शैवाल ( साइनों बैक्टीरिया ) के साथ स्थायी अंतर सम्बन्ध बनाते है जिसे सहजीविता या सहजीवी सम्बन्ध कहते है |
Q9 . एक सहजीवी सम्बन्ध बनाने वाले जीव का नाम लिखिए |
उत्तर – लाइकेन |
Q10 . फंजाई वर्ग के दो जीवों के नाम लिखों |
उत्तर – (1) यीस्ट (2) मशरूम
Q11 . प्रॉटिस्टा वर्ग में किस प्रकार के जीव आते है | दो जीवों का उदहारण दीजिऐं |
उत्तर – प्रॉटिस्टा वर्ग को पांच भागों में बाँटा गया है –
(i) थैलोंफाइट
(ii) टेरिडोफाइटा
(iii) ब्रायोफाइटा
(iv) जिम्नोस्पर्म
(v) एंजियोस्पर्म
Q12 . थैलोफाइटा के जीव मुख्य रूप से कहाँ पाए जाते हैं ?
उत्तर – जल में |
Q13 . फेनरोगेम्स किसे कहते हैं ?
उत्तर – वे पौधे जिनसेन उन्न ऊतक पूर्ण विकसित एवं विभेदित होते हैं तथा जनन प्रक्रिया के पश्चात् बीज उत्पन्न करते हैं , फेनरोगेम्स कहलाते है
Q14 . क्रिप्टोगेम्स किसे कहते हैं ?
उत्तर – वे जीव जिनमे जननांग प्रत्यक्ष होते हैं तथा इनमें बीज उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होती है | अंतः ये क्रिप्टोगेम्स कहलाते है |
Q15 . जिम्नोस्पर्म और एंजियोस्पर्म में कोई दो अंतर लिखों |
उत्तर –
जिम्नोस्पर्म
- ये नग्न बीज उत्पन्न करते हैं |
- ये पौधे बहुवर्षीय सदाबहार तथा काष्ठीय होते हैं \
एंजियोस्पर्म
- ये फल के अंदर बीज उत्पन्न करते हैं |
- इनमें पुष्पी पादप होते हैं
Q16 . एनिमिलिया जगत को कितने भागो में बाँटा गया हैं ?
उत्तर – एनिमिलिया जगत को दो भागों में बाँटा गया हैं –
- कशेरुकी
- अकशेरुकी |
Q17 . जीवों के वर्गीकरण के क्या लाभ है ?
उत्तर – जीवों के वर्गीकरण लाभ –
- यह जीवों के विभिन्न समूहों के बिच सम्बन्ध बताया हैं
- यह जीवों के विकास के बारे में बताता है |
- यह विविध जीवों के अध्ययन को सरल बनता है |
Q18 . वर्गीकरण विज्ञान का जनक किसे कहा जाता है ?
उत्तर – केरोलस लीनियस
Q19 . मनुष्य का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर – होमो सेपियंस
Q20 . मेंढक का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर – राना टिग्रीना |
Q21 . बिल्ली का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
उत्तर – फेलिस डोमेस्टिका
Q22 . बाघ का वैज्ञानिक नाम लिखिए |
उत्तर – फेलिस फोरेस्टिका
Q23 . द्विनाम पद्धति से आप क्या समझते है ?
उत्तर – प्रत्येक जीवों को सही पहचान के लिए दो नाम रखे गए है | एक पहला जीनस और दूसरा स्पीशीज का होता है | जिसे वैज्ञानिक नाम से जाना जाता है | जैसे – मनुष्य का वैज्ञानिक नाम होमो सेपियंस है | होमो – मनुष्य के जीनस ( वंश ) का नाम है | सेपियंस – मनुष्य के स्पीशीज ; जाति ) का नाम है |
Q24 . द्विनाम के क्या लाभ है ?
उत्तर – हम जीवों को उनके सामान्य नाम से नहीं कर सकते है | क्योकि हर भाषा और क्षेत्र में जीवों का अलग – अलग नाम है | जब हमें कसी जीव की वैज्ञानिक नाम का पता हो तो हम आसानी से उसकी पहचान कर सकते हैं द्विनाम पद्धति में पहला नाम जीनस तथा दूसरा नाम स्पीशीज का होता है |
Q25 . जीव जगत का वह कौन सा फाइलम है जिसमें जीवों के शरीर खंडयुक्त और पैर जुड़े हुए होता है |
उत्तर – आर्थोपोडा |
Q26 . जीव जगत का सबसे बड़ा फाइलम कौन सा है ?
उत्तर – आर्थोपोडा |
Q27 . उस फाइलम का नाम बताइए जिनके शरीर पर कवच होता है ?
उत्तर – मोलस्का |
Q28 . स्पाइरोगाइरा क्या है ?
उत्तर – स्पाइरोगाइरा एक शैवाल है | ये मुख्य रूप से जल में पाया जाता है | यह पादप जगत के थैलोंफाइटा वर्ग का जीव हैं |
Q29 . पादप जगत का वह कौन सा वर्ग है जिसे पादप वर्ग का उभयचर कहा जाता है ?
उत्तर – ब्रायोफाइटा
Q30 . बीजाणु किसे कहते है ?
उत्तर – थैलोंफाइटा , ब्रायोफाइटा , और टेरीडोफाइटा में नग्न भ्रूण पाए जाते है जिन्हें बीजाणु (SPORE) कहा जाता है |
Q31 . सरलतम पौधों को किसी वर्ग में रखा गया है ?
उत्तर – थैलोंफाइटा |
Q32 . जीवों के वर्गीकरण में कोशिकीय संरचना का आधार क्या है ?
उत्तर – प्रोकेरियोटि कोशिका तथा युकेरियोटि कोशिका |
Q33 . प्लाण्टी जगत के कौन – कौन से पादपों को क्रिप्टोगैम कहा जाता है | और क्यों ?
उत्तर – थैलोंफाइटा , ब्रायोफाइटा , और टेरीडोफाइटा को क्रिप्टोगैम कहा जाता है | क्योकि इनमें बीज उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होती है |
Q34 . टेरीडोफाइटा और फैनरोगैम में क्या अंतर है |
उत्तर –
टेरीडोफाइटा –
- इनमें बीज उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होती है
- इनमें जननांग प्रत्यक्ष होते है
फैनरोगैम –
- जनन प्रक्रिया के पश्चात् बीज उत्पन्न करते है
- जनन ऊतक पूर्ण विकसित होते है |
Q35 . बाहय कंकाल एवं अंतः कंकाल में निम्न्न अंतर लिखिए |
उत्तर –
बाहय कंकाल
- शरीर के बाहरी भाग में स्थित कठोर भाग को बाहय कंकाल कहते है |
- यह शरीर को आकार एवं रक्षा दोनों प्रदान करता है
- यह काइटिन एवं कैल्शियम कार्बोनेट का बना होता है
- उदहारण – आर्थोपोडा , इकाइनोडर्मेटा एवं मोलस्का आदि
अंतः कंकाल
- शरीर के भीतरी भाग में पाए जाने वाले कठोर भाग को अंतः कंकाल कहते है |
- यह शरीर को केवल आकार प्रदान करता है
- यह अस्थि एवं उपास्थि का बना होता है
- उदहारण – मत्स्य , उभयचर , सरीसृप , पक्षी एवं स्तनपायी आदि
Q36 . एक बीजपत्री तथा द्विबीजपत्री में क्या अंतर है ?
उत्तर –
एक बीजपत्री
- इसमें एक बीजपत्र होता है
- उदहारण – पेफियोपेडिलम
द्विबीजपत्री
- इसमें दो बीजपत्र होते है
- उदहारण – आइपोमिया
Q37 . पोरिफेरा जीवों में अनेक छिद्र पाए जाते हैं | इन जीवों मीन इन छिद्र का क्या कार्य है ?
उत्तर – इन छिद्रों के माध्यम से ये जीव जल , ऑक्सीजन और भोजन पदार्थों का संचरण करते है
Q38 . पोरिफेरनसमूह के जीव समान्यतः कहाँ पाए जाते है ? इनकी शरीर की बनावट कैसी होती है ?
उत्तर – ये समुंद्री आवास में पाए जाते हैं | इनका शरीर कठोर आवरण अथवा बाह्यय कंकाल से ढका होता हैं
Q39 . पोरिफेरा समूह के जीवों को समान्यतः किस नाम से जाना जाता है ?
उत्तर – स्पांज के नाम से
Q40 . जीवों के उस समूह का नाम बताइए जिनकी त्वचा शल्क और प्लेटों से ढकी रहती हैं |
उत्तर – मत्स्य वर्ग
Q41 . प्राणी जगत के उस वर्ग का नाम लिखिए जिनमें नवजात के पोषण के लिए दुग्ध ग्रंथियाँ पाई जाती है |
उत्तर – स्तनधारी वर्ग |
Q42 . उस स्तनधारी का नाम बताओं जो अंडे देते है ?
उत्तर – एकिडना और प्लेटिपस |
Q43 . सभी कशेरुकी जीवों में कौन – कौन से लक्षण पाए जाते है ?
उत्तर – सभी कशेरुकी जीवों में निम्नलिखित लक्षण पाये जाते है |
- नोटोकॉर्ड
- पृष्ठणलनीय कशेरुक दंड एवं मेरुरज्जु
- त्रिकोरिक शरीर
- युग्मित क्लोम थैली
- देहगुहा
Q44 . व्हेल किस अंग से साँस लेता है ?
उत्तर – फेफड़े से |
Q45 . पक्षी वर्ग एवं स्तनधारी में अंतर लिखिए |
उत्तर –
पक्षी
- इनका शरीर पंखो से ढका रहता है
- आगे के दो पैर पंख में परिवर्तित हो जाते है | और दुग्ध ग्रंथियाँ नहीं पाई जाती है
- ये अंडे देते हैं
- उदहारण – कबूतर , मुर्गी आदि
स्तनधारी
- शरीर पर बाल युक्त त्वचा पाया जाता है
- इनमें नवजात के पोषण के लिए दुग्ध ग्रंथियाँ पाई जाती है
- ये अपने जैसे शिशु को जन्म देते है
- उदहारण – मनुष्य , गाय , चूहा , बिल्ली आदि
Q46 . थैलोफाइटा समूह के जीवों का गन लिखों
उत्तर –
(i) इन पौधों की शारीरिक संरचना में विभेदीकरण नहीं पाया जाता है
(ii) इस वर्ग के पौधों को समान्यतया शैवाल कहा जाता है
(iii) यह जलीय पौधे होते है
(iv) उदाहणार्थ – यूलोथ्रिक्स , स्पाइरोगाइरा , कारा इत्यादि |
Q47 . ब्रायोफाइटा समूह के जीवों का गुण लिखों |
उत्तर –
- इस प्रकार के पौधे जलीय तथा स्थलीय दोनों होते है , इसलिए इन्हें पादप वर्ग का उभयचर कहा जाता है
- यह पादप , तना और पत्तों जैसी संरचना में विभाजित होता है
- इसमें पादप शरीर के एक भाग तक जल तथा दूसरी चीजों के संवहन के लिए विशिष्ट ऊतक नहीं पाए जाते हैं |
- उदहारण – मॉस , फ्रयूनेरियाद्ध , मार्वेंफशिया आदि
Q48 . टेरीडोफाइटा समूह के जीवों का गुण लिखों
उत्तर –
- इस वर्ग के पौधें का शरीर जड़ , तना तथा पत्ती में विभाजित होता है |
- जल तथा अन्य पदार्थों के संवहन ऊतक भी पाए जाते हैं
- उदहारण – मर्सीलिया , फर्न , हॉर्स – टेल इत्यादि
- नग्न भ्रूण पाए जाते हैं , जिन्हें बीजाणु ॉचवतमद्ध कटे है |
- इसमें में जननांग अप्रत्यक्ष होते है
- इनमें बीज उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होती है
Q49 . जिम्नोस्पर्म के गुण लिखिए ?
उत्तर –
- इनमें नग्न बीज पाया जाता हैं
- ये बहुवर्षीय तथा काष्ठीय पौधे होते है
- उदहारण – पाइनस तथा साइकस
Q50 . एन्जियोस्पर्म के गुण लिखिए
उत्तर –
- इन पौधें के बीज फलों के अंदर ढके होते है
- इन्हें पुष्पी पादप भी कहा जाता है
- इनमें भोजन का संचय या तो बीजपत्रों में होता है या फिर भ्रूणपोष में