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What Is a Solution Class 09. विलयन (Solution) किसे कहते है ?

By Sikshakendra.com Jun 15, 2024
What Is a Solution Class 09. विलयन (Solution) किसे कहते है ?

What Is a Solution Class 09. विलयन (Solution) किसे कहते है ?  विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का एक समांग मिश्रण है, जिसमें किसी निश्चित ताप पर विलेय और विलायक की आपेक्षिक मात्राएँ एक निश्चित सीमा तक निरंतर परिवर्तित हो सकती है। 

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Q.    What Is a Solution  विलयन (Solution) किसे कहते है ?

        विलयन (Solution): विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का एक समांग मिश्रण है, जिसमें किसी निश्चित ताप पर विलेय और विलायक की आपेक्षिक मात्राएँ एक निश्चित सीमा तक निरंतर परिवर्तित हो सकती है।

उदाहरण: नमक का जल में विलयन, चीनी का जल में विलयन आदि।

विलयन की विशेषताएं (Characteristics of Solution):

1. विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांग मिश्रण है।

2. किसी विलयन में विलेय के कानों की त्रिज्या 10^-7 सेमी से कम होती है। अतः इन कणों को सूक्ष्मदर्शी द्वारा भी नहीं देखा जा सकता है।

3. विलयन में विलेय के कण विलायक में इस प्रकार घुलमिल जाते हैं कि एक का दुसरे से विभेद करना संभव नहीं होता है।

4. विलयन में उपस्थित विलेय के कण छन्ना पत्र के आर-पार आ जा सकते हैं।

5. विलयन स्थाई एवं पारदर्शक होता है।

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What Is a Solution Class 09. विलयन (Solution) किसे कहते है ?

विलयनों का वर्गीकरण:

1. गैस में गैस का विलयन उदाहरणः वायु, गैसों का मिश्रण

2. गैस में द्रव का विलयन

उदाहरण: ब्रोमीन, कार्बन डाईऑक्साइड, अमोनिया आदि गैसों का जल में विलयन, बादल, कुहरा आदि

3. गैस में ठोस का विलयन

उदाहरणः वायु में आयोडीन का विलयन, धुंआ आदि

4. द्रव में गैस का विलयन

उदाहरण: जल में कार्बन डाईऑक्साइड का विलयन, बेंजीन में हाइड्रोजन क्लोराइड गैस का विलयन आदि।

5. द्रव में द्रव का विलयन

उदाहरण: जल में एल्कोहल का विलयन, कार्बन डाईसल्फाइड में ब्रोमिन का विलयन, सल्फ्यूरिक अम्ल क जल में विलयन आदि।

6. द्रव में ठोस का विलयन

उदाहरणः जल में चीनी का विलयन, कार्बन टेट्राक्लोराइड में आयोडीन का विलयन, पारा में लेड का विलयन, जेली, स्टार्च,

प्रोटीन, सौल आदि।

7. ठोस में गैस का विलयन

उदाहरणः पैलेडियम धातु में हाइड्रोजन का विलयन, कपूर का वायु में विलयन आदि।

8. ठोस में द्रव का विलयन

उदाहरण: थैलियम में पारा का विलयन, चीनी में जल का विलयन, नमक में जल का विलयन आदि।

9. ठोस में ठोस का विलयन

उदाहरणः तांबा में जस्ता, तांबा में टिन, तांबा में एलुमिनियम, तांबा में जिंक व निकेल आदि का विलयन (मिश्रधातुएं)

विलेय और विलायक (Solute And Solvent):

विलयन में जो पदार्थ अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में होता है, उसे विलायक’ कहते हैं, तथा जो पदार्थ कम मात्रा में उपस्थित रहता है, उसे विलेय कहते हैं। जिस विलायक का डाईइलेक्ट्रिक नियतांक जितना अधिक होता है, वह उतना ही अच्चा विलायक माना जाता है। जल का डाईइलेक्ट्रिक नियतांक का मान अधिक होने के कारण इसे ‘सार्वत्रिक विलायक’ (Universal Solvent) कहा जाता है।

विलायकों के उपयोग

a) औषधि उद्योग में अनेक औषधियों के निर्माण में,

(b) निर्जल धुलाई में (बेंजीन व पेट्रोल जैसे विलायकों का)

(c) इत्र निर्माण में,

(d) रंग, रोगन को घोलने में

(e) अनेक प्रकार के पेय व खाद्य पदार्थों के निर्माण में आदि।

संतृप्त, असंतृप्त तथा अतिसंतृप्त विलयन (Saturated, Unsaturated and Super Saturated Solution):

किसी  निश्चित ताप पर बना एक ऐसा विलयन जिसमें विलेय पदार्थ की अधिकतम मात्रा में घुली हुई हो, संतृप्त विलयन कहलाता है।

किसी निश्चित ताप पर बना ऐसा विलयन जिसमें विलेय पदार्थ की और अधिक मात्रा उस ताप पर घुले जा सकती है, असंतृप्त विलयन कहलाता है। ऐसा संतृप्त विलयन जिसमें विलेय की मात्रा उस विलयन को संतृप्त करने के लिए आवश्यक विलेय की मात्रा से अधिक घुली हुई हो, ‘अतिसंतृप्त विलयन’ कहलाता है

विलेयता (Solubility): किसी निश्चित ताप और दाब पर 100 ग्राम विलायक में घुलने वाली विलेय की अधिकतम मात्रा को उस विलेय पदार्थ की उस विलायक में ‘ विलेयता’ कहते हैं। यदि t°C पर W ग्राम गल में किसी विलेय पदार्थ के अधिक से अधिक w ग्राम घुले हुए हों, तो उस ताप पर उस विलेप की जल में  विलेयता =w x   100/100

विलेयता  पर ताप का प्रभाव

(a) सामान्यतः ठोस पदार्थों की विलेयता ताप बढ़ाने से बढ़ती है। लेकिन कुछ ऐसे भी ठोस पदार्थ हैं, जिनकी विलेयता ताप बढ़ाने से घटती है। जैसे-सोडियम सल्फेट, कैल्सियम हाइड्राक्साइड, कैल्सियम साइट्रेट आदि।

(b) किसी द्रव में गैस की विलेयता ताप बढ़ने से घटती है।

(a) अनुविय पदार्थ अधुवीय विलापकों में प्रायः विलेप होते हैं। उदाहरणार्थ ब्रोमीन का कार्बन, टेट्राक्लोराइड में घुलना

विलेयता  संबंधी प्रमुख तथ्य:

(a) अध्रुवीय   पदार्थ अधुवीय विलापकों में प्रायः विलेप होते हैं। उदाहरणार्थ ब्रोमीन का कार्बन, टेट्राक्लोराइड में घुलना

(b) अध्रुवीय  पदार्थ ध्रुवीय विलायकों में प्रायः अधिक विलेय नहीं होते हैं। उदारणार्थ कार्बन टेट्राक्लोराइड जल में बहुत ही कम विलेय होते हैं।

(c) ध्रुवीय पदार्थ ध्रुवीय विलायकों में प्रायः विलेय होते हैं। उदाहरणार्थ इथाइल एल्कोहल जल में काफी विलेप होता है।

(d) ध्रुवीय पदार्थ अच्ध्रुवीय विलायकों में अधिक विलेय नहीं होते हैं उदाहरणार्थ- सोडियम क्लोराइड कार्बन टेट्राक्लोराइड में अल्प विलेय होता है।

(e) अणुभार में वृद्धि होने से पदार्थों की विलेयता घटती जाती है। उदाहरणार्थ- मिथाइल एल्कोहल (अणुभार-32) की तुलना में ब्यूटाइल एल्कोहल (अणुभार =74) जल के बहुत कम विलेय  है।

विलयन की सांद्रण (Concentration of Solution):

किसी विलायक या विलयन की इकाई मात्रा में उपस्थित विलेय की मात्रा को विलयन का सांद्रण’ कहते हैं। जिस विलयन में विलेप की पर्याप्त मात्रा में घुली रहती है, उसे सांद्र विलयन’ (Concentrated Solution) कहा जाता है तथा जसी विलयन में विलेय की कम मात्रा मुली रहती है, उसे ‘तनु विलयन’ (Dilute Solution) कहा जाता है। सभी तनु विलयन असंतृप्त विलपन होते हैं, जो विलयन जितना ही अधिक तनु होता है वह उतना ही अधिक संतृप्त होता है।

परिक्षेपण, निलम्बन, कोलाइड एवं वास्तविक विलयन:

परिक्षेपण (Dispersion):

जब किसी पदार्थ केकण (अणु परमाणु था आपन) दूसरे पदार्थ के कणों के इर्द-गिर्द छितरा दिए जाते हैं, तो यह क्रिया ‘परिक्षेपण’ कहलाती है। पहले पदार्थ को ‘परिक्षेपण माध्यम’ (Disperision Medium) कहा जाता है। परिक्षेपण के परिणामस्वरूप दो प्रकार के पदार्थों का निर्माण होता है-

(a) विषमांग पदार्थ (Heterogeneous Substance), जैसे निलम्बन, कोलाइड

(b) समांग पदार्थ (Homogeneous Substance), जैसे वास्तविक विलयन निलम्बन, कोलाइड और वास्तविक विलयन में परिक्षेपित कणों (Dispresed Particted) का आकार भिन्न-भिन्न होते हैं।

(c) इसके कण छत्रा पत्र के आर-पार नहीं आ-जा सकते हैं।

निलम्बन (Suspension):

छोटे आकार के कणों के पदार्थ जो विलायक में अघुलनशील, परन्तु नम्न आँखों से दृश्य होते है, निलम्बन देते हैं।

(a) यह दो या दो से अधिक पदार्थों का विषमांग मिश्रण है।

(b) इसमें परिपेक्षित कणों का आकार 10^-5 सेमी या इससे अधिक होता है।

(d) परिक्षेपित कणों को नम्न आँखों से देखा जा सकता है।

(e) में अस्थाई होते हैं तथा इनके कणों में परिक्षेपित माध्यम से अलग हो जाने की प्रवृति पाई जाती है।

उदाहरणः नदी का गंदा जल, वायु में धुआं आदि।

कोलॉइड (Colloid):

(a) यह दो पदार्थों का विषमांग मिश्रण होता है।

(b) इसमें परिक्षेपित कणों (Dispersed Particles) का आकार 10^-5 सेमी और 10^-7 सेमी के बीच होता है।

(c) इसके कणों को नम्न आँखों से नहीं देखा जा सकता, बल्कि इन्हें अति सूक्ष्मदर्शी (Ultra Microscope) की सहायता से भी देखा जा सकता है।

(d) इसके कण छन्ना पत्र के आर-पार आ-जा सकते हैं।

(e) यह स्थाई होता है। स्थिर छोड़ देने पर इसके कणों में परिक्षेपण माध्यम से अलग हो जाने की बहुत कम प्रवृति पाई जाती है।

उदाहरणः दूध, गाँद, रक्त, स्याही आदि।

वास्तविक विलयन (True Solution):

(a) यह दो या दो से अधिक पदार्थों का समांग मिश्रण

(b) इसमें कण आणविक आकार वाले होते हैं, अर्थात इनके कणों का आकार 108 सेमी होता है।

(c) इसके कण परिक्षेपण माध्यम के साथ इस प्रकार घुलमिल जाते हैं कि दोनों में विभेद कर पाना अत्यंत कठिन होता है।

(d) इसके परिक्षेपितकण छन्ना पत्र के आर-पार आसानी से आ-जा सकते हैं।

(e) यह सबसे अधिक स्थाई तथा पारदर्शक होता है।

उदाहरण: चीनी का जल में विलयन, नमक का जल में विलपन आदि।

उदासीन, अम्लीय तथा क्षारीय विलयन (Neutral, Acidic and Alkaline Solution):

ऐसा विलयन जिसमें हाइड्रोजन आयनों और हाइड्रॉक्साइड आपनों का सांद्रप्ण समान होता है, उदासीन विलयन कहलाता है। ऐसा विलयन  जिसमें हाइड्रोजन आयनों का सांद्रण हाइड्राक्साइड आयनों से अधिक होता है, ‘अम्लीय विलयन कहलाता है ऐसा विलयन  जिसमें हाइड्राक्साइड aayano का सांद्रण हाइड्रोजन आयनों से अधिक होता है, क्षारीय विलयन  कहलाता है।”

https://www.wikipedia.org/

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