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महाजनपद काल 

प्राचीन भारतीय इतिहास

महाजनपद काल 

महाजनपद काल 

महाजनपद , प्राचीन भारत में राज्य या प्रशासनिक इकाइयों को कहते थे | उत्तर वैदिक काल में कुछ जनपदों का उल्लेख मिलता है | बौद्ध ग्रंथों में इनका कई बार उल्लेख हुआ है |

ये निम्नलिखित थे |

mahajanpad kaal

अंग : यह राज्य मगध के पश्चिम में स्थित था | इनमें आधुनिक बिहार के मुंगेर और भागलपुर जिले सम्मिलित थे | मगध वह अंग राज्यों के बीच चंपा नदी बहती थी | चंपा इसकी राजधानी का भी नाम था | यह उस काल के व्यापर व् सभ्यता का प्रसिद्द केंद्र था | अंग और मगध के मध्य निरंतर संघर्ष हुआ करते थे | अंत में यह मगध में विलीन हो गया |

मगध : इस राज्य का अधिकार क्षेत्र मोठे तौर पर आधुनिक बिहार के पटना और गया जिलों के भूप्रदेश पर था इस की प्राचीन राजधानी गिरिव्रज थी | बाद में राजगृह व् पाटलिपुत्र राजधानी बानी प्रारम्भ में एक छोटा राज्य था पर इसकी शक्ति में निरंतर विकास होता गया बुद्ध के काल में यह चार शक्तिशाली राजतन्त्रो में से एक था |

काशी : महाजनपद काल का सर्वाधिक शक्तिशाली राज्य था इसकी राजधानी वाराणसी थी | जो अपने वैभव ज्ञान एवं शिल्प के लिए बहुत प्रसिद्द थी | महाजनपद काल का अंत होते होते यह कोसल राज्य में विलीन हो गया |

वत्स : यह राज्य गंगा नदी के दक्षिण में और काशी व् कौशल के पश्चिम स्थित था और इसकी राजधानी कौशाम्बी थी जो व्यापर का एक प्रसिद्द केंद्र थी कौशाम्बी इलाहबाद से लगभग 48 किलोमीटर की दुरी पर है बुद्ध के समय यहां का राजा उदयन था जो बड़ा शक्तिशाली पराकर्मी था उसकी मृत्यु के बाद मगध ने इस राज्य को हड़प लिया | वत्स का राज्य भी बुद्ध के समय चार प्रमुख राजतंत्रों में से एक था |

वज्जि :- यह राज्य गंगा के उत्तर में नेपाल की पहाड़ियों तक विस्तृत था | पश्चिम में गंडक नदी इसकी सिमा बनाती थी और पूर्व में संभवत इसका विस्तार कोशी और महानंदा नदियों के तटवर्ती जंगलों तक था | यह एक संघात्मक गणराज्य था जो 8 कुलो से बना था | बुद्ध और महावीर के काल में यह एक अत्यंत शक्तिशाली गणराज्य था बाद में मगध के शासक ने इसे अपने राज्य का एक प्रदेश बना दिया |

कोसल :– इस राज्य का विस्तार आधुनिक उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में था | रामायण में इसकी राजरानी अयोध्या बताई गई है प्राचीन काल में दिलीप , रघु , दशरथ और श्रीराम आदि सूर्यवंशी शासकों ने इस पर शासन किया था बौद्ध ग्रन्थ में इसकी राजधानी श्रावस्ती कही गई है | बुद्ध के समय यह चार शक्तिशाली राजतन्त्र में से एक था |

अवन्ति :- इस राज्य के अंतर्गत वर्त्तमान उज्जैन का भू प्रदेश तथा नर्मदा घाटी का कुछ भाग जाता था | यह राज्य भी दो भागों में बांटा था | उत्तरी भाग की राजधानी उज्जैन थी और दक्षिण भाग की राजधानी महिष्मति थी | बुद्धकालीन चार शक्तिशाली राजतन्त्र में से एक यह भी था बाद में यह मगध राज्य में सम्मिलित का लिया गया |

मल्ल :- यह भी एक गणराज्य था यह दो भागों मर बांटा हुआ था | एक की राजधानी कुशीनारा ( वर्त्तमान उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में आधुनिक कुशीनगर ) और दूसरे की पावा | मल लोग अपने साहस व् अपने युद्ध प्रियता के लिए विख्यात थे | मल राज्य अनंत मगध द्वारा जीत लिया गया 

पांचाल :- इस महाजन पद का विस्तार आधुनिक बंदायू और फर्रुखाबाद की जिले रोहिलखण्ड और मध्य दोआब में था | यह दो भागों में विभक्त था उत्तरी पांचाल और दक्षिण पांचाल | उत्तरी पांचाल की राजधानी अहिछत्र और दक्षिण पांचाल की राजधानी कापिल्य थी और यहां गणतंत्रीय व्यवस्था कायम थी |

चेदि :- यह राज्य आधुनिक बुंदेलखंड के पश्चिम भाग में स्थित था | इसकी राजधानी शक्तिमती थी | इसे बौद्ध साक्ष्य में सोत्तथवती कहा गया है | चेदि लोगों का उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है | महाभारत में यहाँ के राजा शिशुपाल का उल्लेख है | जिसके शासनकाल में इस राज्य ने बहुत उन्नति की इसी समय इस वंश की एक शाखा कलिंग में स्थापित हुई |

कुरु :- इस राज्य में आधुनिक दिल्ली के आसपास के प्रदेश थे | इसकी राजधानी इंद्रप्रस्थ थी | जिसकी स्मृति आज भी दिल्ली के निकट इंद्रप्रस्थ गांव में सुरक्षित मिलती है | यह महाभारत काल का एक प्रसिद्द राज्य था | हस्तिनापुर इस राज्य का एक अन्य प्रसिद्द नगर था |

मत्स्य :- इस राज्य का विस्तार आधुनिक राजस्थान के अलवर जिले से चम्बल नदी तक था | इसकी राजधानी विराटनगर ( जयपुर से अलवर जाने वाले मार्ग पर स्थित , वर्त्तमान नाम बैराठ ) थी | महाभारत के अनुसार पांडेय ने यहाँ अपना अज्ञातवास का समय बिताया था |

कम्बोज :- इसका उल्लेख सदैव गांधार के साथ हुआ है | अत यह महाजनपद गांधार राज्य से सटे हुए भारत की पश्चिमोत्तर भाग ( कश्मीर का उत्तरी भाग पामीर तथा बदख्शां के प्रदेश ) में स्थित रहा होगा | राजपुर और द्वारिका इस राज्य के दो प्रमुख नगर थे | यह पहले एक राजतन्त्र था , किन्तु बाद में गणतंत्र बन गया |

शूरसेन :- इस जनपद की राजधानी मथुरा थी | महाभारत तथा पुराणों में यहाँ के राजवंशों को यदु अथवा यादव कहा गया है | इसी राजवंश की यादव शाखा में श्री कृष्ण उत्पन्न हुए |

अश्मक :- यह राज्य दक्षिण में गोदावरी नदी के तट पर स्थित था | इसकी राजधानी पोतली अथवा पोदन थी | बाद में अवन्ति ने इसे अपने राज्य में मिला लिया |

गांधार :-  यह राज्य ( वर्त्तमान पाकिस्तान के पेशावर तथा राहुल पिंडी के जिले ) पूर्वी अफगानिस्तान में स्थित था | इस राज्य में कश्मीर घाटी तथा प्राचीन तक्षशिला का भू प्रदेश भी आता था | इसकी राजधानी तक्षशिला थी | तक्षशिला का विश्वविधालय उस समय शिक्षा का प्रसिद्द केंद्र था | 

महाजनपद काल 

नोट : अधिक जानकारी के लिए यहाँ देखे https://www.bing.com/ck/a?!&&p=da06e42c461998f2JmltdHM9MTcxNDUyMTYwMCZpZ3VpZD0yMGE3MzBkZC0yOGVkLTYxYmEtMjhlYS0yNGYwMjk4OTYwYmEmaW5zaWQ9NTIyOA&ptn=3&ver=2&hsh=3&fclid=20a730dd-28ed-61ba-28ea-24f0298960ba&psq=mahajanpad+kaal+wikipedia+&u=a1aHR0cHM6Ly9oaS53aWtpcGVkaWEub3JnL3dpa2kvJUUwJUE0JUFFJUUwJUE0JUI5JUUwJUE0JUJFJUUwJUE0JTlDJUUwJUE0JUE4JUUwJUE0JUFBJUUwJUE0JUE2&ntb=1

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