ट्रैवेलिंग का मतलब विभिन्न जगहों का यात्रा करना होता है। हमलोग कई कारणो से यात्रायें करते है। एक आदमी अपने बिजनेस के लिए या किसी खास जगह को देखने के लिए यात्रायें करते है। या कुछ लोगो का शौक ही अलग – अलग जगहों का Visit करण होता है। इसलिए दुनिया में बहुत प्रकार के travelers होते है।
कुछ लोग विदेशो में पढ़ने के लिए यात्रा करते है तो कुछ अपनी महत्वपूर्ण कामो के लिए कुछ लोग विदेशो में अपनी इलाज के लिए भी यात्रा करते है। अगर अतीत की बात की जाये तो विदेशो की यात्रा करना इंग्लैंड में उनकी शिक्षा का एक भाग हुवा करता था।
क्यूंकि बिना विदेश यात्रा के उनकी शिक्षा को अधूरा मन जाता था। हमारे देश में विदेश यात्रा को इतना महत्वा नहीं दिया जाता था इसलिए सिर्फ व्यापारी लोग ही विदेशो में अपनी वस्तुओ की बिक्री हेतु विदेशो की यत्राएं किया करते थे। एक कहानी तो ये प्रसिद्द है की महात्मा गाँधी को भी विदेश में पढ़ाई के लिए जाते वक्त अपने घरवालों के आलोचनाओ से जूझना पड़ा था , पर ये बात भी सत्य है की भारतीयों ने अपने समय में अपनी सीमाओं से बहार भी अपनी साम्राज्य स्थापित किये है।
अपने देश से बहार यात्रा काने से से हमें बहुत से जानकरी और उस जगह से जुडी नहुत सारी ऐतिहासिक और भौगोलिक ज्ञान हमें मिलते है बाहर की दुनिया में यात्रा करने से हमारे ज्ञान में काफी इजाफा होता है और हमारे सोचने की तरीके में बहुत फर्क आता है। हम दुनिया के विभिन्न जगहों के विभिन्न लोगो से मिलते ये हमारे लिए एक नया अनुभव होता है जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की होती। अलग – अलग देशो की अलग – अलग भाषाएँ, वेशभूषा , रहन-सहन , त्यौहार, भोजन , जीवन-शैली, खानपान और बहुत कुछ हमें पता चलता है ये हमारे लिए एक नई Experience होती है।
आज तो इंटरनेट का जमाना है हमारे पास इतने संसाधन आ चुके है घर बैठे ही हम विदेशो की बहुत सारी जगहों को देख सकते है उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है। पर जब हम खुद जाकर, एक लम्बी यात्रा करके उन चीजों को जगहों को देखते है उन्हें महसूस करते है उसकी अनुभव ही कुछ अलग होती है।