केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन को 2025 तक विस्तार किया
भारत सरकार ने केंद्र प्रायोजित स्मार्ट सिटीज मिशन को 31 मार्च 2025 तक बड़ा दिया है | यह योजना मूल रूप से 30 जून 2024 को समाप्त होनी थी | राज्य सरकारों के अनुरोध पर केंद्र सरकार द्वारा इस योजना का विस्तार किया गया था |
लेकिन अब कोई भी नई परियोजना स्वीकृति नहीं की जाएगी और मौजूदा स्वीकृति परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून 2015 को स्मार्ट सिटीज मिशन का शुरुआत किया था | इस योजना का लक्ष्य ‘ स्मार्ट समाधान ‘ कजे माध्यम से अपने नागरिकों को मुख्य बुनियादी ढांचा , स्वच्छ और टिकाऊ वातावरण और जीवन की सभ्य गुणवत्ता प्रदान करना है |
दो चरणों की प्रतियोगिता में देश के 100 शहरों का चयन किया गया था | केंद्रीय आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय स्मार्ट सिटी मिशन के लिए नोडल निकाय है | स्मार्ट सिटी मिशन के तहत उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 13 शहर है , इसके बाद तमिलनाडु के 12 और महाराष्ट्र के 10 शहर है |
स्मार्ट सिटी मिशन केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता पांच साल की अवधि में 48,000 करोड़ रूपये प्रदान है , जो प्रति वर्ष प्रति शहर औसतन 100 करोड़ रूपये है | इस मिशन के तहत राज्य सरकार और शहरी स्थानीय निकायों को समान योगदान करना है |
परियोजनाएं सम्बंधित शहरी स्थानीय निकायों द्वारा बनाए गए विशेष प्रयोजन वाहनों द्वारा कार्यान्वित की जाती है | स्मार्ट सिटी मिशन के तहत परियोजना को निजी – सार्वजनिक भागीदारी ( पीपीपी ) के माध्यम से विकसित किया जा रहा है |
भारत सरकार के अनुसार , 3 जुलाई 2024 तक 100 शहरों में 7188 परियोजनाएं पूरी हो चुकी है , जिनकी लगत 1,44,237 करोड़ रुपये है | 19,926 करोड़ रुपये की शेष 830 परियोजनाएं भी पूरी होने के अंतिम चरण में है |
3 जुलाई 2024 तक , भारत सरकार ने योजना के लिए अपने हिस्से के आवंटित 48,000 करोड़ रुपये में से 46,585 करोड़ रुपये जारी कर दिए है | शेष राशि राज्य सरकार को जारी की जाएगी ताकि वे चल रही परियोजनाओं को समय पर पूरा कर सकें | किसी भी नई परियोजना को वित्त पोषित नहीं किया जाएगा और राज्य सरकार को 31 मार्च 2025 तक काम पूरा करना होगा |