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गैसीय नियम क्या है ?( What are the laws of Gases) Part- 10

गैसीय नियम क्या है ?( What are the laws of Gases) Part- 10

गैसीय नियम क्या है ?( What are the laws of गैसेस)। गैसीय नियम के बारे आज हम जानेंगे ,स्थिर ताप पर किसी गैस की निश्चित मात्रा का आयतन उसके बाद का व्युत्क्रमानुपाती होता है।” अर्थात स्थिर ताप पर गैस का दाब बढाने पर आयतन घटता है व दाब घटाने पर आयतन बढ़ता है।geisiy नियम के बारे में अधिक जानकारी के लिए लास्ट तक पढ़े और सभी परीक्षा की तैयारी के लिए हमारी वेबसाइट https://sikshakendra.comपर बने रहे । धन्यवाद 

गैसीय नियम क्या है ?( What are the laws of Gases):

स्थिर ताप पर किसी गैस की निश्चित मात्रा का आयतन उसके बाद का व्युत्क्रमानुपाती होता है।” अर्थात स्थिर ताप पर गैस का दाब बढाने पर आयतन घटता है व दाब घटाने पर आयतन बढ़ता है।  यदि स्थिर ताप पर किसी गैस के निश्चित द्वयमान का आयतन V व दाब P हो तो – V  1/P या, V= K/P जहाँ K एक नियतांक है। या, PV = K अर्थात स्थिर ताप पर किसी गैस की निश्चित मात्रा के आयतन और दाब का गुणनफल हमेशा स्थिर रहता है।’

 

 

“स्थिर दाब पर किसी गैस की निश्चित मात्रा का आयतन उसके परम ताप का अनुक्रमानुपाती होता है।”

यह स्थिर दाब पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान का आयतन V व परम ताप T हो, तो – VaT या, V/T = स्थिरांक जहाँ, V1 और V2 क्रमशः प्रारम्भिक एवं अंतिम अवस्था में गैस के आयतन हैं, तथा T1 और T2 उन अवस्थाओं में गैस के ताप है।

 

‘स्थिर आयतन पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान का दाब उसके परमताप का अनुक्रमानुपाती होता है।’ अर्थात स्थिर आयतन पर यदि किसी गैस का ताप बढ़ाया जाए, तो दाब बढ़ता है और यदि ताप घटाया जाए, तो दाब घटता है। यदि स्थिर आयतन (V) पर किसी गैस की निश्चित द्रव्यमान का दाब P और ताप T हो, तो – PaT या, P/T = स्थिरांक

“किसी पदार्थ के एक स्थिर परिमाण के दाब, ताप और आयतन में संबंध बतलाने वाले समीकरण को उस पदार्थ का ‘अवस्था समीकरण’ (Equation of State) कहते हैं।” किसी गैस के 1 मोल के लिए, बॉयल के नियम के अनुसार, Pa 1/V, जबकि स्थिरांक है। चार्ल्स के नियमों के अनुसार – Pa T, जबकि V स्थिरांक है। बॉयल तथा चार्ल्स के नियमों को संयुक्त करने पर – PaT/V जबकि T और V स्थिरांक है। या, P = RT/V जहाँ R एक स्थिरांक है, जिसे गैस स्थिरांक’ कहते हैं। यह एक ‘सर्वव्यापी स्थिरांक’ (Universal Constant) है।

ताप मापने का वह पैमाना जिसमें -270°C को शून्य माना जाता है, ‘परम ताप पैमाना’ कहलाता है। -273°C को परम शून्य ताप (Absolute Zero Temperature) कहते हैं। चार्ल्स के नियम के अनुसार परम शून्य ताप गैस का आयतन शून्य हो जाना चाहिए, किन्तु व्यवहारतः ऐसी बात नहीं होती, क्यूंकि इस ताप पर पहुँचने के पहले ही गैस द्रव या ठोस में परिणत हो जाती है। परम ताप T को TK या T केल्विन (kelvin) लिखा जाता है अत: 0°C = 273K
 5°C (273+5)= 278K 100°C (273+100) = 373K सेंटीग्रेड ताप को परम ताप या केल्विन में बदलने के लिए उसमें 273 जोड़ दिया जाता है और परम ताप को सेंटीग्रेड ताप में बदलने के लिए उसमे से 273 घटा लिया जाता है, अर्थात- t°C = (T+273)K TK = (T-273)°C

0°C या 273K को ‘सामान्य ताप’ कहते हैं। जब बैरोमीटर में पारा (Hg) की उंचाई 760 मिमी रहती है, तब उस वायुमंडलीय दाब को ‘सामान्य दाब’ कहते हैं। इसे 1 वायुमंडलीय दाब भी कहा जाता है। अतः 0°C ताप और 760 मिमी. दाब को ‘सामान्य ताप एवं दाब या संक्षेप में ‘सा.ता.दा.’ (NTP) भी कहते हैं।

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घनत्वों में अंतर रहते हुए भी गैसों के पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के बिरुद्ध भी परस्पर घुल-मिल जाने की स्वभाविक प्रक्रिया को ‘गैसों का विसरण’ कहते हैं।

इकाई समय के किसी गैस का जितना आयतन किसी सछिद्र पात्र से होकर विसरित हो सकता है, उसे ‘गैस का विसरण का वेग’ कहते हैं।

1883 ई. में ग्राहम ने गैसों के विसरण की गति के सम्बन्ध में एक नियम प्रतिपादित किया जिसे ‘ग्राहम का गैसीय विसरण का नियम’ कहते हैं। इस नियम के अनुसार ‘निश्चित ताप और दाब पर विभिन्न गैसों के विसरण के आपेक्षिक वेगउनके घनत्व के वर्गमूल के विपरीत अनुपात में होते हैं।”

गैसों के विसरण के उपयोग:

1. एन्स्ल के मार्श गैस निर्देशक में,

2 गैसों के मिश्रण को अलग-अलग करने में,

3 . गैसों के वाष्प घनत्व में निर्धारण में,

4. समस्थानिकों को अलग-अलग करने में

इस नियम के अनुसार एक निश्चित आयतन वाले गैसीय मिश्रण का कुल दाब अवयवी गैसों के आंशिक दाबो के योगफल के बराबर होता है। यदि तीन गैसें A,B तथा C के आंशिक दाब क्रमश: PA., PB तथा PC हो, तो डाल्टन के आंशिक दाब के नियम के अनुसार (यदि इन तीनों गैसों एक एनी V लीटर के फ्लास्क में एक साथ भर दिया जाए), कुल दाब (P) = PA + PB + PC

एबोग्राड्रो की परिकल्पना (Avogardo’s Hypothesis): ‘समान ताप और दाब पर सभी गैसों के समान आयतनों में अणुओं की संख्या समान होती है।” यदि समान ताप और दाब गैस का आयतन V व गैस के मोलों की संख्या n हो, तो –Vn”

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