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ओडिशा में प्रारम्भ हुआ महाप्रभु जगन्नाथ रथ यात्रा ||

ओडिशा में प्रारम्भ हुआ महाप्रभु जगन्नाथ रथ यात्रा

ओडिशा में प्रारम्भ हुआ महाप्रभु जगन्नाथ रथ यात्रा

रथ यात्रा, जिसे रथ महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है , पूरी के जगन्नाथ मंदिर जितनी पुराणी है | हिन्दू कैलेंडर के अनुसार , यह त्यौहार आषाढ़ महीने में शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है |

जगन्नाथ रथ यात्रा एक वार्षिक हिन्दू त्यौहार है जिसमे भगवान जगन्नाथ , उनके बड़े भाई भगवान् बलभद्र और उनकी छोटी बहन देवी सुभद्रा की पूरी , ओडिशा में उनके घर के मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर दूर गुंडिचा में उनकी मौसी के मंदिर तक की यात्रा का जश्न मनाया जाता है |

इस त्यौहार के पीछे किंवंदती यह है की एक बार देवी सुभद्रा ने गुंडिचा में अपने मौसी के घर जाने की इच्छा कयकट की | अतः इस घटना की यद् में देवताओं को इसी तरह यात्रा पर ले जाकर प्रत्येक वर्ष त्यौहार के रूप में मनाया जाता है |

माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में पूर्वी गंग राजवंश के राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव द्वारा करवाया गया था | हालाँकि कुछ सूत्रों का कहना है की तह त्यौहार प्राचीन काल से ही चलन में था |

इस त्यौहार को रथों के त्यौहार के रूप में भी जाना जाता है क्योकिं देवताओं को लकड़ी के तीन बड़े रथों पर ले जाया जाता है और भक्तगण इन रथों को रस्सियों से खींचा जाता है |

यह त्यौहार आषाढ़ ( जून – जुलाई ) के महीने के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन से शुरू होता है और नौ दिनों तक चलता है |

आशादी बीच हर साल गुजरात के कच्छ क्षेत्र में कच्छ समुदाय द्वारा हिन्दू नववर्ष के रूप में आषाढ़ महीने के दूसरे दिन मनाया जाता है | इसे कच्छी नव  वर्ष के रूप में भी जाना जाता है | यह त्यौहार गुजरात के कच्छ क्षेत्र में बारिश की शुरुआत का प्रतिक है |

आशादी के दौरान , वातावरण में नमी का परिक्षण किया जाता है ताकि यह अनुमान लगाया जा सके की आने वाले मानसून में कौन सी फसल बेहतर होगी | इस अवसर पर भगवान् गणेश , देवी लक्ष्मी और अन्य क्षेत्रीय देवताओं की पूजा की जाती है |

भारत में कच्छ का रण भारतीय राज्य गुजरात में थार रेगिस्तान के जैवभौगोलिक क्षेत्र में स्थित है | यह क्षेत्र पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में भी फैला हुआ है | कच्छ का रण लगभग 10,000 वर्ग मील के विशाल क्षेत्र को कवर करता है | कच्छ के रण के उत्तर – पूर्वी कोने में लूनी नदी है , जो राजस्थान से निकलती है |

कच्छ के रण को भारत की आर्द्रभूमि में गिना जाता है | कच्छ की कड़ी इस क्षेत्र के पश्चिम में स्थित है और भंभट की कड़ी पूर्व में है | यह क्षेत्र जंगली एशियाई गधे की एक बड़ी आबादी का घर है , जो जंगली घोड़े परिवार का सदस्य है |

भारतीय जंगली गधा अभयारण्य कच्छ के छोटे रण के लिए प्रसिद्द है | कच्छ का रण भारत का एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जो प्रवासी राजहंसों को शरण देता है | कच्छ के रण का बायोस्फियर रिजर्व गंभीर रूप से लुप्तप्राय गिद्ध प्रजातियों के संरक्षण के लिए एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है | 

प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में पवित्र रथ यात्रा के शुभारम्भ पर लोगों को शुभकामनाएं दी और प्रार्थना की कि भगवान् जगन्नाथ का आशीर्वाद उन पर बना रहे |

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