भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् ने ‘ एक वैज्ञानिक , एक उत्पाद ‘ योजना को लांच किया ||
भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् ( आईसीएआर ) ने भारत में कृषि और पशुपालन अनुसन्धान के परिदृश्य में क्रांति लेन के लिए 16 जुलाई 2024 को ‘ एक वैज्ञानिक , एक उत्पाद ‘ कार्यक्रम , लांच किया है | इस अभिनव योजना का शुभारम्भ आइसीएआर के 96वे स्थापना दिवस के साथ हुआ है |
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘ एक वैज्ञानिक , एक उत्पाद ‘ कार्यक्रम के उद्धाटन की अध्यक्षता की , जो कृषि अनुसन्धान और नवाचार के लिए सरकार के समर्थन को रेखांकित करेगा |
दिल्ली में आयोजित एक समारोह में अनाज , तिलहन , चारा फसलों और गन्ने सहित 56 फसलों की 323 किस्मों को औपचारिक रूप से जारी करने की घोषणा की | इन फसलों में 289 जलवायु – अनुकूल किस्में और 27 जैव – संवर्धित किस्में शामिल है |
आईसीएआर केंद्र की 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत 100 दिनों में 100 नई बीज किस्में और 100 कृषि प्रौद्योगिकियां विकसित करने के लिए भी काम कर रहा है | उन्होंने कहाँ कार्यक्रमों को शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगेगा |
आईसीएआर ने एक विज्ञप्ति में कहा की प्रजनक बीजों की मद्दत से , 2023-24 के दौरान लगभग 16 मिलियन हेक्टेयर ( एमएचए ) विभिन्न फसलों की जैव – फोर्टिफाइड किस्मों के अंतर्गत है , जिसमे गेंहू ( 13 एमएचए ) , चावल ( 0.5 एमएचए) , बाजार ( 1.5 एमएचए ) , मसूर ( 0.50 एमएचए ) और सरसों ( 1.0 एमएचए ) शामिल है |
इसमें कहा गया है की 2014-15 से 2023-24 तक कुल 2593 उच्च उपज वाली किस्मे जारी की गई | इनमें 2177 जलवायु – लचीली ( कुल का 83% ) किस्में शामिल है जो जैविक और अजैविक तनाव प्रतिरोध करती है , और 150 जैव – फोर्टिफाइड फसल किस्मे है |
भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् (ICAR) भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि अनुसन्धान एवं शिक्षा विभाग (DARE) के अंतर्गत एक स्वायत्तत संगठन है |
इसे पहले इंपीरियल काउन्सिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च के नाम से जाना जाता था , इसकी स्थापना 16 जुलाई 1929 को रॉयल कमीशन ऑन एग्रीकल्चर की रिपोर्ट के अनुसार में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम , 1860 के तहत एक पंजीकृत सोसायटी के रूप में की गई थी | ICAR का मुख्यालय नई दिल्ली में है |