विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मॉरीशस में भारत के पहले विदेशी ‘ जन औषधि केंद्र’ का उद्धाटन किया ||
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 18 जुलाई 2024 को मॉरीशस में भारत के पहले विदेशी जन औषधि केंद्र का उद्धाटन किया | उद्धाटन के दौरान उनके साथ मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ भी शामिल हुए |
उन्होंने कहा की भारत – मॉरीशस स्वास्थ्य साझेदारी परियोजना सार्वजानिक स्वास्थ्य सेवा को बढ़ाने और कल्याण को बढ़ाने के लिए लागत प्रभावी , भारत में निर्मित दवाओं की आपूर्ति करेगी |
इससे पहले , डॉ जयशंकर ने भारतीय अनुदान सहायता से मॉरीशस के ग्रैंड बोइस में मेडिक्लिनिक परियोजना का उद्धाटन किया | परियोजना के उद्धाटन के अवसर पर बोलते हुए डॉ जयशंकर ने कहा की इस पहल से ग्रैंड बोइस क्षेत्र के 16000 लोगों को द्वितीयक स्वास्थ्य सेवा मिलेगी |
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने पोर्ट लुइस में भारत – मॉरीशस ‘ मैत्री उद्यान’ का शिलान्यास किया और वहां एक पौधा लगाया | डॉ एस जयशंकर 16 और 17 जुलाई , 2024 को मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा पर है |
मॉरीशस की दो दिवशीय यात्रा डॉ एस जयशंकर की भारत के विदेश मंत्री के रूप में पुनः नियुक्त के बाद किसी देश की पहली द्विपक्षीय यात्रा थी | फरवरी 2021 में उनकी यात्रा के बाद विदेश मंत्री के रूप में यह उनकी दूसरी मॉरीशस यात्रा भी है |
डॉ जयशंकर ने रेडूइट में सिविल सर्विस कॉलेज परियोजना का भी दौरा किया , जिसे भारत की सहायता से बनाया जा रहा है | डॉ जयशंकर ने छगोस द्वीपसमूह पर मॉरीशस के दावे का समर्थन किया , जिस पर सम्प्रभुता को लेकर मॉरीशस का यूनाइटेड किंगडम के साथ विवाद चल रहा है |
जन औषधि योजना , जिसे सितम्बर 2015 में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (PMJAY) के रूप में नवीनीकृत किया गया | नवम्बर 2016 में , इस योजना में और सुधर किया गया तथा इसके प्रभाव को मजबूत करने के लिये इसका नाम बदलकर PMBJP कर दिया गया |
भारत सरकार ने 15 जुलाई 2024 को प्रशांत द्वीप राज्यों तक नै दिल्ली की पहुंच के हिस्से के रूप में चार सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए वार्षिक अनुदान प्रदान करने के लिए मार्शल द्वीप के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए |
समझौते ज्ञापन से ऐलक एटोल में सामुदायिक खेल केंद्र , मेजित द्वीप पर हवाई अड्डे के टर्मिनल और अनॉ और वोटजे एटोल में सामुदायिक केंद्रों के कार्यान्वयन में मद्दत मिलेगी | ये परियोजनाएं भारत – प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (FIPIC) के तीसरे शिखर सम्मलेन में भारतीय पक्ष द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है |
यह कदम क्वाड के चार सदस्यों – भारत , ऑस्ट्रेलिया , जापान और अमेरिका – द्वारा रणनीतिक क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के चीन के प्रयासों के बिच प्रशांत द्वीप के साथ अपने जुड़ाव को बावने की पृष्ठभूमि में उठाया गया है |